प्रसाद की तरह बट रहा गौशाला के निर्माण का पैसा शायद इसीलिये जिम्मेदार अधिकारी है मौन, अड़तीस लाख के कमीशन के लालच में किया गौशाला का निर्माण उस जगह पर जहां आने-जाने का कोई नहीं है रास्ता




राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि

गंज बासौदा // जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नेगमा पिपरिया गांव से लगभग दो-ढाई किलोमीटर दूर आउट एरिया में गौ शाला का निर्माण 38 लाख की लागत से खसरा क्रमांक  537 पर आंख बंद करके किया जा रहा है ग्रामीणों के बताये अनुसार गौ शाला में जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया था   जिसकी जांच सहायक यंत्री मनरेगा से करवायी गयी थी गौशाला की जांच करता के अनुसार ग्राम पंचायत नेगमा पिपरिया के सचिव पर मनरेगा अधिनियम  2005 के अनुसार कार्यवाही की गई थी जिसमे ग्राम पंचायत सचिव पर जिला पंचायत द्वारा धारा 92 प्रकरण क्रमांक 379 दिनांक 27/04/2021  दर्ज किया गया था लेकिन सचिव के द्वारा जिला पंचायत के भ्रष्ट अधिकारियों और बाबू को पैसे दे कर प्रकरण को दबा दिया गया संबंधित बाबू के द्वारा इतना पैसा  लिया गया कि उपरोक्त प्रकरण में अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई हैं ।जिस स्थान पर 38 लाख की गौशाला का निर्माण किया जा रहा है वहां जाने की लिऐ सरकारी रास्ता नही है ग्रामीणों के अनुसार इस बात की शिकायत कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम  और जनपद पंचायत सीईओ तक कि जा चुकी है। यहां तक कि   ग्रामीणों के द्वारा शिकायत जिला पंचायत सीईओ को विदिशा जा कर उनके समक्ष दिनांक 15/01/2021 को की गई थी जिसकी जांच जिला पंचायत सीईओ द्वारा एसडीएम बासौदा को पत्र क्रमांक 645 / मनरेगा / 2021 के द्वारा करवाने हेतु आदेश किया गया था लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कोई कारवाही नही हुई। इसके बाद ग्रामीणों के द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत नंबर 12464437 के माध्यम से की  थी लेकिन भ्रष्ट अधिकारीयों की मिलीभगत से शिकायत को फ़ोर्स क्लोज कर दिया गया ।जब यह मामला हमारी टीम के संज्ञान में आया तो हमारे द्वारा भी सी एम हेल्प लाईन की सच्चाई जानने के उद्देश्य से हमारे द्वारा सीएम हेल्पलाइन लगाई उसके बाद जनपद सीईओ के माध्यम से  तहसीलदार बासौदा को पत्र   क्रमांक 1446 दिनांक 01/04/2021 को रास्ते की जांच करने हेतु लिखा गया लेकिन अभी तक ना तो रास्ता मिला है और ना कोई जांच हुई । क्योंकि अधिकारियों की सांठ-गांठ से 38 लाख रुपयों के कमीशन के लालच में गौ शाला का निर्माण हो रहा है और गौशाला के संचालन को लेकर  कोई नही सोच रहा है कि जिस गौशाला जाने के लिऐ रास्ता नही   उसका संचालन कैसे होगा और यदि रास्ता नही है और गौ शाला निर्माण हो रहा  तो उसके लिए जुम्मे दारी किस की होगी  क्या उसके लिए ग्राम पंचायत  दोषी होगी या जनपद लेकर कलेक्टर महोदय की जुम्मे दारी होगी। आखरी सरकारी पैसों का दुरुपयोग के लिए किस की जुम्मेदारी  होगी यह सवाल आज तक बना हुआ है।

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