सुरेंद्र पस्तोर
राज्य की नवदुनिया
विदिशा // ग्यारसपुर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में किस तरह भ्रष्टाचार किया जाता है यह कोई सरपंच सचिव और रोजगार सहायक से सीखे कि सरकारी योजनाओं का अधिकारियों से मिलकर किस तरह भ्रष्टाचार किया जाता है क्योंकि यह बात किसी से छिपी नहीं है,मनरेगा में भ्रष्टाचार किस तरह से अपनी गहरी जड़ें जमा चुका है, इसकी मुख्य वजह जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत स्तर के अधिकारियों द्वारा निगरानी रखे जाने के बाद भी फर्जी मस्टर जारी करना, और मनरेगा में मशीनों से काम कराना तो आम बात हो गई है, ऐसा ही एक मामला सामने आया है, ग्राम पंचायत कोलुआ जागीर का जहां बेखौफ होकर बिना किसी खौफ के मनरेगा में फर्जी तरीके से किया जा रहा है भुगतान ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत में जिम्मेदार अधिकारियों की सांठगांठ से भ्रष्टाचार का यह खेल चल रहा है। बता दें कि पूर्व में भी पंचायत में कई तरह की गड़बड़ीयों के मामले सामने आ चुके हैं, इसके बाद भी अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। सरपंच,सचिव,रोजगार सहायक और उपयंत्री की मिलीभगत से मनरेगा का कार्य कराया जा रहा जेसीबी मशीनों से फर्जी तरीके से मस्टर रोल भर कर रहे हैं करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार में लिप्त सरपंच-सचिव,और रोजगार सहायकों पर प्रशासनिक अधिकारीयों द्वारा क्यों नहीं हो रही कोई भी कार्यवाही। !!? ?!!जहां आज भी जेसीबी मशीनों के निशान दिन-रात चलती जेसीबी मशीनों की फोटो और वीडियो,की रिकॉर्डिंग से किये-गये खुलासों के बाद भी कार्य वाही कर ने की जगह बारिश के पानी से भ्रष्टाचार के दाग मिटने के इंतजार में हैं,शासन-प्रशासन में बैठे हुऐ आला अधिकारी-कर्मचारी ??जब किसी भी मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारी से पूछो तो संबंधित विभागीय अधिकारी से रटा रटाया सा जबाब मिलता है कि आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिली है मामले की जांच कराते है। दोषीयों के कार्य वाही की जायेगी इसके बाद जांच का क्या..........कुछ सरपंच-सचिव और रोजगार सहायकों ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि सभी को हम हिस्सा देते इसलिये हमारा कहीं कुछ नही होता एवं जो नहीं देते हैं वह हमेशा रडार पर रहते हैं।* ग्राम पंचायत कोलुआ जागीर का सचिव इतना पावर फुल है कि वह एक जेब में जनपद पंचायत तो दूसरी जेब में जिला पंचायत रखता है।ऐसा ग्रामीणों का कहना है कि सचिव को अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने की वजह से कोई भी अधिकारी ग्राम पंचायत सचिव पर हाथ नहीं डालता है,जिस से सचिव के हौसले बुलंद हैं दम तोड़ती जन कल्याणकारी योजनाओं योजनायें किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को नजर नहीं आ रही है। और सरपंच अपने परिजनों को एवं चहेतों को लाभ पहुंचा रहा है, नोटो के चश्मे के आगे इंजिनियर भी दिखाई दे रहे हैं। तभी तो आंख बंद कर के मस्टर साइन कर रहे, मूल्यांकन कर रहे हैं,और इंजीनियर उस स्टीमेंट को भी नहीं देख रहे जो कि उनके द्वारा बनाये गये हैं। ग्राम पंचायत में सरपंच-सचिव की मिली भगत से जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किये जा रहे भ्रष्टाचार की प्रमाणित शिकायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीयों से की जाती है तो एक भ्रष्ट की जांच दूसरे भ्रष्ट से कराकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।
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