जहां ग़रीब व्यक्ति 1 लाक 30 हज़ार रुपये में मकान बना रहा है, और वही दूसरी तरफ सांसद और विधायक निधि से ढाई लाख रुपये में आस्थायी यात्री प्रतीक्षालय बनवा रहे है, कितना अंतर है,
यात्री प्रतिक्षालय यानि की भ्रष्टाचार!
यह खबर बेहद चौंकाने वाली है, लेकिन शत-प्रतिशत सही है। मप्र में सांसद और विधायक निधि से बनने वाले यात्री प्रतिक्षालय नेताओं के लिऐ कमाई का बड़ा जरिया बने हुऐ हैं। यात्री प्रतिक्षालय बनाने वाले ठेकेदारों ने राज्य सरकार से एक यात्री प्रतिक्षालय बनाने की कीमत 2 लाख 25 हजार रुपये तय करा रखी है। जबकि यह प्रतिक्षालय लगभग 50 हजार में बनकर तैयार हो जाता है।
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