प्रशासन की लापरवाह कार्य प्रणाली और बदहाल सड़क की वजह से आदिवासी बस्ती के हैं लोग परेशान - नामाखेड़ी कोटरा में नहीं है कोई भी सड़क जिसकी वजह से रहवासियों को कीचड़ में से होकर निकलना पड़ता प्रसूताओं औरर मरीजों को खाट पर ले कर जाना पड़ता है सुना है मुख्यमंत्री जहां भी जाते हैं सुना है तुरंत आनन-फानन में सड़कों की मरम्मत हो जाती है एक बार हमारे गांव भी आ जायें मंत्री जी


राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि
विदिशा //
जनपद पंचायत विदिशा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नामाखेडी कोटरा लश्करपुर जोकि जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर है, यहां की आदिवासी बस्ती के रहवासी पिछले एक दशक से ज्यादा समय से एक सड़क न बन पाने की वजह से बेहद परेशान हैं, क्योंकि  यहां पर दो से 3 फीट के लगभग पानी सड़क पर भर जाने के कारण ग्रामीण आदिवासीयों  को कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है, जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, इसका सामना करते हुऐ बच्चों को भी इसी कीचड़ से होकर स्कूल जाना पड़ता हैं। गांव में यदि कोई  बीमार पड़ जाये या प्रसव पीड़ित महिलाओं को अस्पताल ले जाना हो तो लोग उन्हें खाट पर या कंधे पर लेकर जाते हैं, ग्रामीणों के द्वारा बताया गया हैं कि सीएम हेल्पलाइन,विधायक, सरपंच और प्रशासन के लोगों को कई बार लिखित सूचना देने के बाद भी इसका हल नहीं हो पाया  सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि इस रोड के लिए मनरेगा के अंतर्गत ही कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन रोड़ के निर्माण का प्रस्ताव जिला पंचायत में मनरेगा अधिकारी सुरेश वर्मा के पास प्रस्ताव रखा हुआ है,जोकि कई महीने से पेंडिंग पड़ा है। वहां से मंजूर होने पर उस के बाद उक्त रोड़ का निर्माण किया जा सकता है।

 - बाबूलाल, सरपंच प्रतिनिधी

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