राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि
सेंधवा (बड़वानी)
ग्राम बलवाड़ी के ग्रामीण प्रतिवर्ष बारिश में मुक्तिधाम पहुंच मार्ग स्थित पुलिया की एप्रोच बह जाने के कारण नदी के तेज बहाव से शवयात्रा ले जाने को मजबूर हैं। हालांकि मुक्तिधाम जाने के लिए कुछ दूरी पर बड़ा पुल बन चुका है, लेकिन गांव की परंपरा के अनुसार शवयात्रा इसी मार्ग से ले जाते हैं और बड़े पुल से वापस आते हैं
वापस आने के दौरान कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन शवयात्रा ले जाने के दौरान लोग नदी के तेज बहाव में से जान जोखिम में डालकर शव यात्रा ले जाते हैं। ऐसे में किसी भी दिन बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है। ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से उक्त मार्ग स्थित पुलिया की एप्रोच पर सीमेंट कांक्रीटीकरण की मांग कर चुके हैं, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। बुधवार को भी गांव में एक व्यक्ति की मौत होने पर ग्रामीण नदी के उफनते पानी में से शवयात्रा लेकर निकले
ग्रामीणों के मुताबिक पुलिया की एप्रोच 10 साल पहले बह चुकी थी। इस कारण प्रतिवर्ष बारिश के बाद पंचायत द्वारा पुलिया की एप्रोच में मुरम मिट्टी आदि भर दिया जाता है। इससे बारिश के बाद आवागमन होता रहता है, लेकिन बारिश के दौरान नदी उफनने पर एप्रोच में भरी मुरम-मिट्टी बहने से आवागमन बंद हो जाता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि एप्रोच पर सीमेंट कांक्रीटीकरण कर दिया जाए। इससे लोगों को आने-जाने सहित शवयात्रा ले जाने में सुविधा होगी
बड़े पुल से ले जाना चाहिए
बलवाड़ी पंचायत के सहायक सचिव अनिल पवार ने बताया कि लोग परंपरा के तहत इसी मार्ग से शवयात्रा ले जाते हैं। बारिश में एप्रोच बहने के कारण परेशानी होती है बारिश के बाद पंचायत एप्रोच में मुरम आदि डलवाकर आवागमन शुरू करवाती है तहसीलदार जगदीश रंधावा ने बताया कि मुक्तिधाम जाने वाले मार्ग के लिए एक बड़ा पुल भी है लोग उस बड़े पुल से क्यों नहीं शवयात्रा ले जाते हैं चर्चा कर आवश्यक निराकरण का प्रयास करेंगे
तेज बहाव से शवयात्रा ले जाने की मजबूरी
-पुलिया की एप्रोच बहने के कारण हर साल बारिश में होती है दिक्कत।
-बड़ा पुल बन चुका है, लेकिन परंपरा अनुसार इसी मार्ग से ग्रामीण ले जाते हैं शवयात्रा।
-पुलिया की एप्रोच सुधारने को लेकर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से लगा चुके हैं गुहार
 


 
 
 
 
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