रेंजर ने छोड़ा जेसीबी मशीन को बना कर पंचनामा ******* बन्द होना चाहिये पत्थर का अबैध कारोवार :-सप्रे ******** क्षेत्र में हो रहे अबैध उत्खनन पर विधायक ने जताई नाराजगी


राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि

गंजबासौदा // उदयपुर क्षेत्र में आज वन विभाग द्वारा कार्यवाही के दौरान एक जेसीबी मशीन की जांच पड़ताल की गई फिर उसे छोड़ दिया गया जिसके बाद सर्च स्टोरी अखवार के संवाददाता ने क्षेत्र के विधायक को पूरी जानकारी देते हुए बिषय से अवगत कराया कुरवाई क्षेत्र के विधायक हरिसिंह सप्रे ने चल रहे पत्थर के अवैध उत्खनन कार्य के लिए नाराजगी व्यक्त की है विधायक का कहना है कि अवैध पत्थर उत्खनन का कारोबार संपूर्ण रुप से बंद होना चाहिऐ मैं कई बार अधिकारियों से अवैध उत्खनन के कारोबार को बंद करने के लिए कह चुका हूं लेकिन कारोबार क्यों संचालित हो रहा है यह समझ से परे है विधायक सप्रे ने सर्च स्टोरी अखबार से बातचीत करते हुऐ कहा कि मुझे ज्ञात हुआ है कि कुछ दिन पहले अवैध उत्खनन कर्ताओं ने कार्यवाही के दौरान वन कर्मियों के साथ अभद्रता की थी लेकिन अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है इस पर भी कुरवाई विधायक ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मैं इस विषय में जिला प्रशासन मैं बड़े अधिकारियों से बात करूंगा साथ ही आगामी दिनों में उदयपुर क्षेत्र का भ्रमण करके अधिकारियों की बैठक भी करूंगा और निर्देशित करूंगा कि अवैध कारोबार बंद हो |
जेसीबी मशीन को छोड़ा बना कर पंचनामा:- सक्सेना
क्षेत्र के रेंजर आलेख सक्सेना ने बताया कि वन परिक्षेत्र में अवैध उत्खनन जेसीबी मशीन से करने की सूचना प्राप्त हुई थी जिसके बाद बन अमले के साथ कार्रवाई के लिए पहुंचे लेकिन जेसीबी मशीन बाबूलाल यादव नामक व्यक्ति की लीज में खड़ी पाई गई जिससे पूछताछ करके पंचनामा बनाकर उसे छोड़ दिया गया रेंजर सक्सेना ने बताया कि मशीन वन परिक्षेत्र में नहीं थी नाही वन परिक्षेत्र में उत्खनन करती पाई गई इसलिए वन विभाग द्वारा हमने उस का पंचनामा बनाकर छोड़ दिया जबकि कुछ ग्रामीणों की माने तो जेसीबी मशीन वन परिक्षेत्र में पत्थरों की खदान पर अवैध उत्खनन का कार्य कर रही थी लेकिन किन कारणों से मशीन पर कार्रवाई नहीं हुई और छोड़ दिया गया यह बड़ा प्रश्न चिन्ह है सूत्रों की माने तो वन अधिकारियों ने राजनीतिक दबाव के चलते मशीन को छोड़ दिया और केवल पंचनामा बनाकर अपनी औपचारिकता पूर्ण कर ली जबकि कुछ दिन पहले कार्यवाही के दौरान इन अवैध उत्खनन कर्ताओं के द्वारा वन कर्मियों के साथ अभद्रता की थी लेकिन उसके बाद भी अवैध पत्थर का पूर्ण कारोबार पूर्व की तरह ही संचालित है लेकिन कोई भी कार्रवाई होती दिखाई नहीं दे रही है जिला प्रशासन भी मौन है अब इस विषय में विधायक द्वारा नाराजगी भी व्यक्त की गई है देखना है आगामी समय में क्या कार्यवाही होती है |
सांठ-गांठ से होता है पत्थर का अबैध कारोवार:-
ग्रामीणों का कहना है कि पत्थर का पूरा अवैध कारोबार वन अधिकारियों की सांठगांठ से ही होता क्षेत्र में वन विभाग द्वारा ग्राम भिलाएँ में एक चौकी भी बना रखी है जिसके प्रभारी रामकृष्ण अहिरवार हैं लेकिन चौकी प्रभारी के होने के बाद भी दिन रात अवैध पत्थर का कारोबार संचालित होता है और कोई कार्यवाही नहीं होती जब बासौदा से या जिला प्रशासन पर कोई अधिकारी आने की खबर होती है तब पूरे वाहन वन क्षेत्र से बाहर उतरकर नीचे आ जाते हैं और जैसे ही अधिकारी जाते हैं वैसे ही कारोबार चालू हो जाता है लेकिन चौकी प्रभारी कोई कार्यवाही नहीं करते हैं यह पूरा कारोवार सांठ-गांठ से चलता है आज की कार्यवाही में भी सूत्रों की मानें तो जेसीबी मशीन वन क्षेत्र में अबैध उत्खनन कर रही थी लेकिन जैसे ही रेंजर के आने की खबर लगी तो मशीन वन क्षेत्र से बंद लीज में आकर खड़ी हो गई जबकि जिस लीज में मशीन खड़ी उस जगह एक अर्से से काम बंद है |
मैंने कोई कार्यवाही नहीं कि:-चौकी प्रभारी
जब इस पूरे विषय में संवाददाता द्वारा चौकी प्रभारी राम करण अहिरवार से फोन पर चर्चा की तो चौकी प्रभारी ने कहा कि मैंने कोई कार्यवाही नहीं की है ना ही मैंने मशीन पकड़ी है और ना ही मैंने छोड़ी है यह पूरी कार्रवाई रेंजर साहब द्वारा की गई और उन्होंने ही मशीन को छोड़ा है |
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इनका कहना है
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अबैध पत्थर का सम्पूर्ण कारोवार बन्द होना चाहिए में कई बार अधिकारियों को निर्देशित कर चुका हूँ सीघ्र ही पुनः अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देशित करूँगा|
हरिसिंह सप्रे
विधायक
कुरवाई

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सूचना पर हम पहुंचे थे लेकिन जेसीबी मशीन हमें लीज में खड़ी मिली इसलिए पंचनामा बनाकर मशीन छोड़ दी|
आलेख सक्सेना
रेंजर वन क्षेत्र
गंजबासौदा।                                                                            वन परिक्षेत्र में हो रही धमाकों की गूंज वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं देती सुनाई पत्थर के अवैध कारोबारियों ने वन परीक्षेत्र को कर दिया है छलनी रोड के किनारे लगे हैं मलबे के ढेर जो किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को दिखाई नहीं देते हैं आखिर कब तक देगी वन परिक्षेत्र में सुनाई धमाकों की गूंज

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