राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि
गंज बासौदा नगर के मुख्य मार्गों पर सड़क के बीचो बीच घरेलू गोवंश और आवारा पशुओं का जमघाट लगा रहता है जो दुर्घटना का तारण बनते हैं जिन्हें मुख्य मार्गो से हटाने वाला कोई नजर नहीं आता है, नगर के हाल बेहद बेहाल है, क्योंकि प्रशासन और नगर के जनप्रतिनिधि बिगड़े हुए हालातों को देखकर मूकदर्शक बने हुए हैं जिसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है,रेलवे स्टेशन से जय स्तंभ चौक, त्योंदा रोड से जय स्तंभ चौक, सिरोंज चौराहा से जयस्तंभ चौक, एवं बरेठ रोड डेंजर जोन में आता है इस बात से प्रशासन अनिभिग्य नहीं है क्योंकि इसी रोड़ पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ीयां फर्राटें भरती है। इस के बाद भी सड़कों पर विचरण करते हुऐ आवारा पशु नगर नहीं आते हैं जबकि शहर की सीमा से लगे हुऐ ग्रामों,गमाखर,पड़रिया,नेगमा पिपरिया, मोरोदा,मूड़रा,पच-पीपरा में 2, रसूलपुर,डिडोंली,करोदा-कला, महागौर,चौरावर,चक पुरवाई,बरेठ, सहित 4 प्रायवेट गौशालायें संचालित होने के बाद भी सड़कों पर गौवंश विचरण करने पर विवश हैं, जनपद में लगभग 18 से 20 शासकीय गौशाला एवं प्राइवेट गौशालायें होने के बाद भी पशुओं को सड़कों पर विचरण करना पड़ रहा है, प्रशासन और जनप्रतिनिधि जब आवारा पशुओं का मामला उठता है तो सड़कों पर विचरण करने वाले कुछ पशुओं के सींगों पर रेडियम पट्टी लगाकर अपनी जिम्मेदारीयों से इति श्री कर लेना इनकी घोर लापरवाही को उजागर करता है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की यह स्थिति उन पशु प्रेमीयों की है जो दूध देने वाले पशुओं (गाय) को रखते हैं और दूध निकालने तक घर पर रखते हैं उसके बाद उन्हीं पशुओं (गाय) को सड़कों पर विचरण करने के लिये छोड़ देते हैं,जबकि अधिकतर गौवंश आधार से लिंक हो गये जिस से यह पहचान की जा सकती है कि कौन सा पशु घरेलू है और कौन सा पशु घरेलू नहीं है,अगर प्रशासन, जनप्रतिनिधि और नगर के भामा शाह कहे जाने वाले समाजसेवीओं ने शहर के मुख्य मार्गों पर विचरण करने वाले पशुओं के संबंध में कोई कारगर कदम उठाना चाहिये, फोटो खींचवाने और अख़बारों की सुर्खियां बने रहने तक सीमित नहीं रहना चाहिये। क्योंकि गंम्भीर हादसे का कोई भी हो सकता है सड़कों पर विचरण करने वाले पशु इसकी वजह बन सकते हैं।
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