मध्‍य प्रदेश के सागर संभाग और रीवा में भारी बारिश की संभावना


राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि
भोपाल

उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर पिछले चार दिनों से सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में उत्तरी मप्र के मध्य में सक्रिय है। मानसून ट्रफ भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है, यह आगे बढ़ने लगा है। इस वजह से पूरे मध्य प्रदेश में कई जिलों में बौछारें पड़ रही हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को सागर, रीवा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। भोपाल, उज्जैन, जबलपुर संभाग के जिलों में भी रुक-रुक कर तेज बौछारें पड़ेंगी। बादल छाए रहने से अधिकतम तापमान में गिरावट बरकरार रहेगी।

मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक गुना में 45, पचमढ़ी में 19, रायसेन में 14, बैतूल में 11, भोपाल में आठ, मंडला में पांच, सागर में चार, ग्वालियर 3.9, नौगांव में तीन, होशंगाबाद में तीन, छिंदवाड़ा में दो, इंदौर में 1.2, दमोह में एक, धार में 0.7, जबलपुर में 0.6 मिलीमीटर बारिश हुई।

साहा के मुताबिक उत्तर-पश्चिम मप्र पर बने सिस्टम के पहले राजस्थान की तरफ बढ़ने की संभावना थी, लेकिन अब यह पूर्वी दिशा की तरफ बढ़ने लगा है। इसी क्रम में यह सिस्टम वर्तमान में उत्तरी मप्र के मध्य में सक्रिय है। इसके प्रभाव से शुक्रवार को रीवा, सागर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। इसके अतिरिक्त उज्जैन, भोपाल, होशंगाबाद, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर संभाग के जिलों में रुक-रुक कर बौछारें पड़ने के आसार हैं

ये सिस्टम हैं सक्रिय


*मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में उत्तरी मप्र के मध्य में एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। मानसून ट्रफ भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। पाकिस्तान पर एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है।
इस वजह से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है। इससे पूरे मध्य प्रदेश में वर्षा हो सकती है। बता दें कि मप्र में गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 547.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो सामान्य (491.6 मिमी.) की तुलना में 11 फीसद अधिक है*💥✍

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