लोकायुक्त से रिश्वत लेते हुऐ, गिरफ्तार अफसर को सौपी बड़ी जिम्मेदारी

राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि
छतरपुर

दो साल पहले गेहूं खरीद केन्द्र बंधा के सेल्समेन व केन्द्र प्रभारी से 70 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त सागर की टीम द्वारा पकड़े गए साहब को दंड देने की बजाय जिम्मेदार अधिकारियों ने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी बनाकर उपकृत किया है। यह चर्चा का विषय बन गया है, जिससे विभाग की किरकिरी हो रही है।

लवकुशनगर अनुविभाग जब से कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के रूप में सचिन श्रीवास्तव पदस्थ हुए हैं तब से मनमानी व धांधली करने के आदी सेल्समेन खुश हैं। अब गरीबों के हक का अनाज गरीबों पास कम और व्यापारियों के पास ज्यादा जाने लगा है दरअसल साहब दो वर्ष पहले जब बड़ामलहरा में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के पद पर पदस्थ थे तब सेवा सहकारी समिति बंधा के सेल्समैन व गेहूं खरीद केंद्र प्रभारी अजय पटेरिया से उन्होंने 70 हजार रुपये की रिश्वत ली और लोकायुक्त सागर की टीम उन्हें उनके निवास से धनराशि सहित रंगे हाथों पकड़ाा था। उन्हें जिला न्यायालय में पेश किया गया था, जहां से जेल भेज दिया गया था। इस बात की पुष्टि करते हुए लोकायुक्त पुलिस सागर के डीएसपी राजेश खैड़े ने बताया कि सेवा सहकारी समिति बंधा के सेल्समैन व गेहूं खरीद केंद्र प्रभारी अजय पटैरिया ने 31 मई 2019 को इस बारे में शिकायत की थी।

शिकायत का परीक्षण करने के बाद सचिन के निवास पर जैसे ही शिकायतकर्ता अजय पटैरिया ने 70 हजार रूपये की रकम दी, वैसे ही उन्हें पकड़कर कैमिकल से हाथ धुलवाने पर नोंटो पर लगे पाउडर से हाथ लाल हो गये, तब उन पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्यवाही की गई थी आश्चर्य है कि रिश्वत लेकर गरीबों के हक का राशन बाजार में बिकवाने वाले साहब पर वविभाग आखिर इतना मेहरबान कैसे हो गया कि उन्हें लूप लाइन में डालने की बजाय लवकुशनगर में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी बनाकर उपकृत किया गया है

इनका कहना है- मुझे इस बारे में इतना ही पता है कि लोकायुक्त पुलिस ने केस डायरी न्यायालय में पेश नहीं की। इससे वे दोषी भला कैसे कहे जा सकेंगे। हमने उनकी योग्यता को देखकर ही लवकुशनकर की जिम्मेदारी दी है। फिर भी पूरे तथ्यों का दोबारा परीक्षण कराके निर्णय लिया जाएगा।

बीके सिह, जिला खाद्य अधिकारी, छतरपुर

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