कागजों में खूब हुआ विकास, वास्तविक विकास की आस में ग्राम पंचायत हरदूखेड़ी, हकीकत में दिया तले अंधेरा, विकास के नाम पर हुई फिजूलखर्ची, पंचायत चल रही है रामभरोसे




राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि

 गंज बासौदा // शहर की सीमा से लगी ग्राम पंचायत हरदूखेड़ी अंतर्गत आने बाला ग्राम बैहलोट  मूल-भूत सुबिधाओं के नाम पर समस्याओं से घिरा हुआ है, बैहलोट का विकास सिर्फ कागजों में हुआ है हकीकत में मूलभूत समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई है लेकिन उक्त मूलभूत समस्याओं का निराकरण करने वाला नजर नहीं आता है,क्योंकि सरपंच-सचिव के पास समस्याओं के निराकरण हेतु समय नहीं है। गलीयों ना तो सी का निर्माण किया गया है नाहि घरों से निकलने बाले गंदे पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से गंदा पानी खाली पड़े प्लाटों में भरा और मुख्य गलीयो में भरा रहता है। बारिश के मौसम में कीचड़ जैसी सभी गलीयों की स्थिति निर्मित हो जाती है।इस के बाद भी सरपंच-सचिव को कोई फर्क नहीं पड़ता,फर्क तो बैहलोट वासियों को पड़ता है। विकास के नाम पर ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार जरूर जम कर हुआ है। जिसकी कई बार ग्रामवासी शिकायत भी कर चुके। जिस पर अधिकारीयों ने ध्यान देना भी मुनासिब समझा नहीं जिससे इनके हौसले बुलंद हैं। जिससे बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो गया है स्वच्छ भारत अभियान की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं,पंचायत में विकास के प्रति उदासीनता जग जाहिर है । प्रशासनिक रूप से अरूचि और भी पीडा दायक हैं । विकास की राशि का बंटवारा हो जाता है, इसमें और पारदर्शिता की आवश्यकता है। इनका कहना है जब तक गांव की सरकार को मजबूत अधिकार नहीं मिलते हैं तब तक कोरा विकास कागजों की यात्रा करता रहेगा। गांव की सरकार को हर तरीके से मजबूत बनाने की आवश्यकता है । इसलिए मौजूदा कानूनों में बड़े बदलाव की जरूरत महसूस होती है । सहकारिता का मूल आधार गांव से हैं इसलिए गांव की सरकार को स्वयं के अपने खर्चों के लिए आय के साधन जुटाने की दिशा में कदम बढाना होगा ।
*माधव शर्मा
केन्द्रीय उपाध्यक्ष
जन जागरूकता विकास समिति*

ग्राम पंचायत हरदुखेड़ी में विकास कार्य न के बराबर हुए हैं। सी सी रोड सिर्फ कागजों में हैं। कई कार्य तो ऐसे हो गये जिनका भुगतान भी हो गया पर हकीकत में कहीं नजर नहीं आते ये विकास कार्य। इस प्रकार की विसंगतियों के गर्भ से ही जन्मा है भृष्टाचार ,जो  अपने अपने आकाओं के संरक्षण में फल फूल रहा है।  शैलेन्द्र सक्सेना "ज्वलंत" सामाजिक कार्यकर्ता गंज बासौदा

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