मध्य प्रदेश हाईकोर्ट हाई कोर्ट ने कहा-नियुक्ति तिथि से नियमित वेतनमान का दें लाभ


राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि
जबलपुर

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि याचिकाकर्ता को नियुक्ति तिथि से नियमित वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाए। इसके लिए 90 दिन की मोहलत दी गई है। याचिकाकर्ता गाडरवारा, नरसिंहपुर निवासी दारासिंह चौहान की ओर से अधिवक्ता अनिरुद्ध पांडे ने पक्ष रखा

 उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता को 14 फरवरी, 1994 को अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी। उसे प्रारंभ में कलेक्टर रेट से वेतन मिल रहा था। आगे चलकर नियमितिकरण का लाभ तो दे दिया गया, लेकिन नियुक्ति तिथि से नियमित वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया। जबकि मध्य प्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के सर्कुलर के अनुसार नियुक्ति तिथि से ही अनुकंपा नियुक्ति वालों को भी नियमित वेतनमान देने का प्रविधान है। हाई कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर याचिकाकर्ता की शिकायत 90 दिन के भीतर दूर करने के निर्देश दे दिए। इसी के साथ याचिका का निराकरण कर दिया।

अवमानना नोटिस भेजा

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जबलपुर की घमापुर-रांझी रोड के मामले में पूर्व में जो निर्देश जारी किया था, उसका पालन न होने पर जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर ने नगर निगम, जबलपुर के आयुक्त व स्मार्ट सिटी सीईओ को अवमानना नोटिस भेज दिया है। मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे ने अवगत कराया कि 28 जून को हाई कोर्ट ने साफ किया था कि नगर निगम आयुक्त व स्मार्ट सिटी सीईओ एक माह के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करें। लेकिन एक माह निकलने के बावजूद इस दिशा में कुछ नहीं किया गया। नयागांव, जबलपुर निवासी सामााजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने अवगत कराया कि 72 घंटों के भीतर अवमानना नोटिस का जवाब न आने पर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी जाएगी। 2019 में घमापुर-रांझी रोड का निर्माण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था। लेकिन तीन साल बाद भी कुछ नहीं किया गया💥✍

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