हाई कोर्ट ने बरती सख्ती मध्य प्रदेश में खुलेआम बेची जा रहीं नकली दवाये,


राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि
जबलपुर

मध्य प्रदेश में खुलेआम नकली दवाएं बेची जा रही हैं। यह आरोप एक जनहित याचिका में लगाया गया है। हाई कोर्ट ने आरोप को गंभीरता से लिया। इसी के साथ राज्य शासन से पूछ लिया कि वर्ष 2016 से 2020 तक राज्य में नकली दवाओं के कितने मामले दर्ज हुए हैं। यही नहीं ड्रग इंस्पेक्टर्स के रिक्त पदों की भी जानकारी तलब कर ली गई है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।

मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई। जबलपुर निवासी अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा की ओर से दलील दी गई कि प्रदेश में बड़ी संख्या में ड्रग इंस्पेक्टर्स के पद रिक्त है। इसके कारण प्रदेश भर में खुलेआम नकली दवाएं बेची जा रही है। प्रदेश में बड़ी संख्या में ड्रग इंस्पेक्टरों की पद रिक्त होने की वजह से दवाओं की जांच नहीं हो पा रही है। याचिका में कहा गया कि प्रदेश में नकली दवा का अंतिम मामला वर्ष 2007 में दर्ज किया गया था। इसके बाद वर्ष 2020 तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

जबलपुर पुलिस ने मई 2021 में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का एक अदद मामला दर्ज किया गया है। इस वजह से प्रदेश के नकली दवाओं के सौदागर सक्रिय हैं। उनका ठोस अंकुश अब तक सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वर्ष 2016 से 2020 तक नकली दवाओं के कितने मामले दर्ज किए गए हैं।💥✍

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