राज्य की नवदुनिया प्रतिनिधि
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिन पहले लाल किले से आधा दर्जन सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंच जाने की बात कही थी. इसके बाद अब नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने भी आयुष्मान भारत योजना के विस्तार के लिए तैयारी कर ली है जून में स्वास्थ्य मंत्री का पद संभालने के बाद से ही मनसुख मंडाविया लगातार अधिकारियों पर पीएम के विजन के तहत देश के 50 करोड़ लाभार्थियों को 5 लाख रुपये का मुफ्त बीमा मुहैया कराने के लिए कह रहे हैं. 2018 में शुरू हुई इस योजना को तीन साल पूरे हो गए हैं.
तीन साल में योजना के तहत अस्पताल में 2 करोड़ दाखिले और 12 करोड़ लाभार्थियों के कवर होने पर बुधवार को मंत्री के सामने प्रजेंटेशन दिया गया. अब एनएचए ने कहा है कि उनका लक्ष्य वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ आयुष्मान भारत कार्ड्स वितरित करने और एक तिमाही में 50 लाख लोगों को अस्पताल में मुफ्त भर्ती का लाभ देना है. यह लक्ष्य बड़ा है, क्योंकि अब तक 12 करोड़ लाभर्थियों को आयुष्मान भारत कार्ड्स वितरित करने में सरकार को तीन साल लग गए. बीते साल के अंत तक और 2021 में तीन महीनों का अभियान शुरू होने से पहले केवल 7.87 करोड़ आयुष्मान भारत कार्ड्स वितरित किए गए थे.
अभी भी यह रास्ता बहुत लंबा है, क्योंकि इकोनॉमिक सेंसस 2011 के आधार पर संभावित लाभार्थियों की संख्या 53 करोड़ है. मंत्री को बताया गया कि एनएचए इस वित्तीय वर्ष (21-22) में एक बड़ा अभियान शुरू कर कुल 10 करोड़ लाभार्थियों को कार्ड बांटने की योजना बना रहा है. इसके बाद अगले साल मार्च तक वितरित किए हुए कार्ड्स की संख्या 19 करोड़ तक पहुंच सकती है.
तीन सालों में अस्पतालों में दो करोड़ दाखिलों के बाद भी मंत्री को बताया गया कि अस्पतालों में भर्ती के कुल तीन करोड़ के आंकड़े का लक्ष्य 'बहुत कम समय' पूरा कर लिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री को बताया गया कि लक्ष्य 50 लाख अस्पताल प्रति तिमाही के हिसाब से बढ़ रहा है. यह आंकड़ा 2021 की शुरुआत में पहुंचे 24 लाख दाखिलों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है. दूसरी लहर के दौरान आंकड़ा दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में केवल 16 लाख पर आ गया था. मौजूदा तिमाही में भी सरकार को 24 लाख दाखिलों की संख्या पार होने की उम्मीद है.
'आसान नहीं, लक्ष्य हासिल करना'
मंत्री को बताया गया है कि निजी अस्पताल इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि योजना के तहत पैकेज रेट काफी कम हैं, इसलिए वे लाभार्थियों तक आयुष्मान स्कीम बढ़ाने में सक्षम नहीं हैं. स्कीम में शामिल 22 हजार 988 अस्पतालों में से करीब 41% निजी हैं. स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी दी गई कि पैकेज की कीमतों को युक्तिसंगत बनाने का काम जारी है, ताकि यह योजना निजी अस्पतालों के लिए और भी आकर्षक हो. हालांकि, दरों में मामूली बढ़त की ही उम्मीद है.
बीते रविवार को स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश के हर गरीब को उज्जवला से लेकर आयुष्मान भारत तक की अहमियत पता है. उन्होंने कहा, 'आज सरकारी योजनाओं की रफ्तार बढ़ी है और वे अपने लक्ष्यों को हासिल कर रही हैं. हमने पहले से ज्यादा तेजी से प्रगति की है, लेकिन यह यहां खत्म नहीं होगा. हमें परिपूर्णता हासिल करनी है. सभी गांवों में सड़कें होनी चाहिए, सभी घरों के बैंक खाते होने चाहिए, सभी लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत कार्ड होने चाहिए और सभी पात्र व्यक्तियों को उज्जवला योजना का लाभ मिलना चाहिए और गैस कनेक्शन होना चाहिए.'
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