प्रदेश की ए क्लास नगर पालिकाओं शुमार बासौदा नगर पालिका चल रही है प्रभारी सी एम ओ के भरोसे कमीशन खोरी की भेंट चढ़ रहे हैं मिनी स्मार्ट सिटी के तहत नगर में हो रहे निर्माण कार्य
सुरेंद्र पस्तोर
गंज बासौदा // नगर पालिका में जिस तरह से आज भ्रष्टाचार का बोलबाला है,बह बेहद चिंता का विषय है। परंतु भ्रष्टाचारीयों के ऊपर जिस तरह से जिम्म्मेदार अधिकारियों की जो बनी हुई है छत्रछाया। कमीशन खोरी के चक्कर में निर्माण कार्यो में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, जिस के लिऐ वह अधिकारी और कर्मचारी जिम्म्मेदार हैं जो कि धृतराष्ट्र बन कर नगर पालिका में बैठे हुऐ भ्रष्ट कर्मचारियों के हौंसले बुलंद हैं। नगर पालिका परिषद में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने बाले भ्रष्ट कर्मचारी ठेकेदारों से मिलने बाले कमीशन के चक्कर में सम्बन्ध इस कदर मधुर हैं कि जिम्म्मेदार अधिकारियों की नाक के नीचे जम कर हो रहा भ्रष्टाचार परंतु इस की खबर किसी को भी कानों कान नहीं है। सूत्रों की माने तो नगर पालिका परिषद के जिम्म्मेदार अधिकारियों के कमीशन का खेल लम्बे समय से चल रहा है, जिसके चलते जिम्म्मेदार अधिकारी भ्रष्टों के साथ मिलकर स्वयं के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार को दबाने नीचे से ऊपर तक मामले का सैटलमेंट कर लिया जाता है नगर में मिनी स्मार्ट सिटी के तहत पालिका परिषद की देख रेख में चल रहे निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन हो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं, लेकिन कोई देख ने बाला नहीं है। निर्माण कार्य में उपयोग किया जा रहा मटेरियल किस स्तर का इस बात से किसी भी अधिकारी को कोई लेना देना नहीं है निर्माण कार्य में उपयोग किया जा रहा मटेरियल गुणवत्ताहीन है या गुणवत्ता पूर्ण है उन्हें तो सिर्फ निर्माण कार्यों से मिलने बाले कमीशन से मतलब रहता है,नगर पालिका परिषद बासौदा को स्थाई सी एम ओ नहीं मिल ने से चरमरा गई है व्यवस्थायें बेलगाम और निरंकुश हो गये हैं कर्मचारी नगर में होने बाले विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि स्थाई सी एम ओ नगर पालिका परिषद को नहीं मिला प्रभारी सी एम ओ के भरोसे चलती रही और आया राम गया राम जैसी स्थिति निर्मित हो गई है जब कि बासौदा नगर पालिका प्रदेश की ए क्लास नगर पालिकाओं में शामिल हैं एक क्लास नगर पालिका की थर्ड क्लास जैसे स्थिति हो गई है इनका कहना है आम नागरिकों के मन में नगर निकाय संस्था भष्ट्राचार का प्रतीक है ऐसी छबि बन गई है! इसके लिए कुछ धन के भूखे कर्मचारी जिम्मेदार है! आज तक इस छबि को सुधारने के लिए किसी ने भी किसी भी स्तर पर कोई कारगर प्रयास नही किये हैं! संस्था का विश्वास बनाये रखने के लिए कोई कडे नियम लाने की आवश्यकता है! इसमें पारदर्शिता के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए तथा शासकीय शुल्क के लिए आन-लाइन व्यवस्था लागू हो!
माधव शर्मा
केन्द्रीय उपाध्यक्ष
जन जागरूकता विकास समिति गंज बासौदा इनका कहना है- जब तक नपा को स्थायी सी. एम ओ .नहीं मिलता अस्थिरता बनी रहेगी। यह बासौदा का दुर्भाग्य है कि सी. एम. ओ .एवं सत्तारूढ़ नेताओं के बीच सामंजस्य का अभाव होने के कारण नगर का विकास कार्य चरमरा गया है। विकास कार्य को गति तभी मिलेगी जब सदभाव का वातावरण रहेगा ।नगर में अतिक्रमण एवं गलियों की नालियों का असंतुलित ढलान मुख्य समस्या कारक मुद्दा है। जब सभी भृष्टाचार की गँगा में स्नान करने वेताव हैं तो दो चार सीधे सादे बाबुओं व कुछ अच्छे कर्मचारियों की दाल नहीं गलेगी यह तय है परिणाम विकास का सत्यानाश। एक ओर महत्वपूर्ण निर्णय अति आवश्यक है स्थाई नगरपालिका सी. एम .ओ . की नियुक्ति तथा पूर्ण अधिकार जरूरी हैं अन्यथा नामांतरण की सैकड़ों फाईलें एस .डी. एम.कार्यालय के चक्कर में धूल खाती रहेंगी।-शैलेन्द्र सक्सेना सामाजिक कार्यकर्ता, गंज बासौदा को जिला बनाओ अभियान प्रमुख।



0 Comments