सड़क किनारे हो रहे नाली निर्माण को लेकर व्यापारी और अधिकारी हुऐ आमने सामने अधर में लटका नाली का निर्माण

 सड़क किनारे हो रहे नाली निर्माण को लेकर व्यापारी और अधिकारी हुऐ आमने सामने अधर में लटका नाली का निर्माण  
सुरेन्द्र पस्तोर राज्य की नवदुनिया

ग्यारसपुर // ग्राम पंचायत ग्यारसपुर द्वारा सड़क से बहकर घरों और दुकानों में भरने वाले बारिश के पानी को निकालने के लिये थाना से जनपद कार्यालय के सामने तक पंद्रहवें वित्त मद से 2 लाख 10 हजार रुपये की राशि से नाली का निर्माण कराया जा रहा था। जिस का लग भग पचहत्तर फीसदी निर्माण कार्य पूरा होते तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ गुप्ता ने ग्राम पंचायत को मौखिक आदेश जारी कर नाली का निर्माण कार्य इसलिये रोक दिया था। कि सड़क किनारे सौंदर्यीकरण करने के उपरांत ही नाली वनाई जायेगी। इससे पूर्व सीईओ गुप्ता रिटायर्ड हो गये और सौंदर्यीकरण होने की जगह सड़क और दुकानों के बीच मिट्टी के ढेरों ने ग्राहकों के आने-जाने का रास्ता ही बंद कर दिया। जिस के परिणाम स्वरूप कुछ लोगों ने नाली फांदकर निकलने की कोशिश में घायल होने वालों में व्यापार महासंघ के अध्यक्ष आदेश जैन भी शामिल थे। ग्राम पंचायत के इस ढुलमुल रवैये से त्रस्त ग्यारसपुर व्यापार महासंघ के व्यापारियों ने एकजुट होकर यथा शीघ्र नाली के निर्माण हो इस मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौपने गये तो यहां पूरी कहानी ही वदल गई।
व्यापारी और अधिकारी ऐसे हुऐ आमने सामने
पदस्थ एसडीएम विजेन्द्र रावत का कहना था कि मैं आपके ज्ञापन देने का ही इंतजार कर रहा था। आप लोगों ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है, और मेरे रहते शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर नाली का निर्माण नही होने दूंगा। अब नाली का निर्माण कार्य जांच होने के बाद ही होगा।
व्यापार महासंघ के अध्यक्ष आदेश जैन ने कहा कि जब जेसीबी मशीन से नाली की खुदाई चल रही थी, उस वक्त निर्माण कार्य को क्यों नही रोका गया ? जब नाली के निर्माण में निर्माण सामग्री सीमेंट सरिया का उपयोग हो रहा था। तब आप के द्वारा  उक्त निर्माण कार्य को क्यों नही रोका गया? जब सड़क किनारे मिट्टी के ढेर लगाये जा रहे थे, तब  क्यों काम नही रोका गया ? व्यापार महासंघ अध्यक्ष के साथ उपस्थित व्यापारियों ने एसडीएम से सवाल किये कि अस्पताल से तहसील कार्यालय तक ग्राम पंचायत निधि से सड़क किनारे इतनी ही दूरी पर इसी तरह से नाली का निर्माण हो सकता है‌। फिर आम नागरिकों के लिये कानून की अलग से ब्याख्या क्यों दी जा रही है। इस सवाल से स्वयं के ऊपर उठी उंगली से बौखला गये, एसडीएम ने व्यापार महासंघ के ऊपर प्रेशर बनाने का आरोप लगाते हुऐ कहा कि मैने ज्ञापन ले लिया है। जांच के बाद देखूंगा।
प्रतिक्षालय भी है अतिक्रमण में
तकरीबन तीस बर्ष पहले शासकीय निधि से ग्राम पंचायत स्तर पर वनी पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय समीति ने निजी भूमि स्वामी द्रारा दानपत्र देकर प्रतिक्षालय का निर्माण किया गया था जिसे एसडीएम शासकीय भूमि पर बने सरकारी भवन को अतिक्रमण करार दे रहे है। इसके पहले भी सड़क किनारे खेतीबाड़ी कर रहे किसानों की आवारा मवेशियों से पैदावार बचाने लगाई गई। बागडों,तार फेंसिग, चीराबंदी तोड़कर किसानों को परेशान किया गया था। जिसका किसानों के साथ गंजबासौदा-ग्यारसपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व बिधायक निशंक कुमार जैन ने विरोध दर्ज कराने के साथ-साथ आंदोलन की चेतावनी दी थी। तब कहीं जाकर यह कार्य रोका गया था।
ज्ञापन देने वाले व्यापारियों में एसडीएम द्वारा की गई। वदसलूकी से रोष व्याप्त है। शीघ्र ही व्यापारी बैठक बुलाकर व्यापारिक गतिविधियां बंद कर बाजार बंद करने पर विचार किया जाएगा।


 

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